Tuesday 11 October 2016

भारत वर्ष के वर्तमान प्रधान सेवक और वर्तमान गृह मंत्री और पार्टी के भीष्मपितामः , ने रामलला को इस अवस्था में पहुच कर अपनी वर्तमान व्यवथा का निर्माण किया। और आज रामलला की छत उनकी प्राथमिकता  सूचि में नहीं है , अब कहते हैं की ये सुप्रीम कोर्ट का विषय है। उस रथ यात्रा के मुख्य सूत्र धार आज के प्रधान सेवक थे। शपथ ग्रहण के बाद एक बार भी दर्शन करने नहीं गए। वोट के लिए लखनऊ में दशहरा, कभी दशहरा आयोध्या में क्यों नहीं मनाया ?  गाँधी और  पटेल के वेताल को अपने कंधे पर ले केर पुरे विश्व में घूमे और माल्यार्पण किया। कभी हेडगेवार और गुरु गोलवरकर को अंतरिष्ट्रीय मान्यता दिलाने की  कोशिक की ? तुम्हरा विजय तिलक राष्ट्रपति भवन में और रामलला का विजय दिवस पॉलीथिन में। ध्यान रहे, "राम नाम"  अपने किसी भी अपराधी को कभी भी क्षमा नहीं करता।

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