Sunday 25 September 2016

सिंह के सामान गरजते हुए  मोदी जी ने केरल में पाकिस्तान के खिलाफ आदर्शवादी टट्टी और भावनात्मक उलटी की।  और राष्ट्र से आगामी आतंकवादी हमले में अपने प्राणों की आहुति देने का आवाहन किया। अपने ओजमयी भाषण से उन्होंने सम्पूर्ण राष्ट्र  को आत्महीनता से ओतप्रोत कर दिया 

Saturday 24 September 2016

गाँधी का  सिद्धान्त अहिंसक कदापि नहीं था ,आत्महिंसक था।

कृष्ण और चाणक्य ने  आत्महिंसा या क्षमा को कभी भी परिणाम नहीं माना।  प्रकृति का सहज सिद्धान्त कि : प्रत्येक क्रिया की प्रतिक्रिया आवश्यक है : ही उनके निर्णयों का आधार रहा। अर्थातक्रिया के गुणों से युक्त प्रतिक्रिया, या  परिणामही प्रकृति का न्याय है, और यही प्रकृति का न्याय , प्रत्येक राष्ट्र  का सिद्धान्त होना चाहिए।
यदि क्रिया का गुण हिंसा है तो उसका परिणाम भी हिंसा ही होगा और, इसी  क्रिया में, यदि सृजन के लक्षण हैं, तो परिणाम  भी  सृजनात्मक ही होगा। यही क्रिया की प्रतिक्रिया का सहज सिद्धान्त है। इसी प्रकृति जन्य प्रतिक्रिया में जब हम मानवीय आदर्श और नैतिक मूल्यों को मिलते हैं तो विकृति का जन्म होता है।

गांधी ने प्रकृति के इसी न्याय को नहीं माना। और मानवीय आदर्शवादी नैतिक सिद्धान्तों से न्याय की स्थापना का प्रयास किया। इस विकृति की परिणति अतंत्य भयानक हुई, आज़ादी से पहले ही २० लाख लोगों की हत्या   और आज़ादी के बाद लगभग ४० लाख लोगों की हत्या। इसके बाद भी हर बात पर गाँधी के सिद्धान्तों के आधार पर सामाजिक न्याय की अपेक्षा की जाती  है ,क्यों ?

ईसा से लगभग 2०० वर्ष पूर्व अशोक नामक राजा ने,  बौद्ध सिद्धान्तों के अंतरगत भारतवर्ष का सत्यानाश किया था वैदिक धर्म से पोषित, वैदिक धर्म से संस्कारित, और   वैदिक न्याय से प्रेरित सामाजिक वयवस्था को नपुंसक कायर आदर्शो की  कौसटी पर कस कर आत्मघाती ,आत्महिंसक और विलापी बना दिया गया।  बौद्ध सिद्धान्तों  ने भारत वर्ष को ऐसे अँधेरे आयाम या कुएं में धकेल दिया जिससे वो आज तक नहीं निकल पाया है।   चंद्रगुप्त, बिंदुसार फिर उसके बाद अशोक ने  वैदिक मांन्यताओं  का पालन करते हुए राष्ट्र का निर्माण एवम विस्तार किया। बौद्ध सिद्धान्तों  को   अपनाने के बाद भारतवर्ष का केवल   नाश हुआ है जो आज भी जारी है। बौद्ध सिद्धान्त कायर, अकर्मण्य, आडम्बरी , और विलापि, लोगों का आश्रय स्थल है। पहले बुद्धफिर अशोकफिर गाँधीफिर नेहरूफिर मोदीभारतवर्ष की बर्बादी का ये क्रम पता नहीं कहाँ थेमेगा ? 


Thursday 22 September 2016

अपनी मूल आत्मघाती एवं आत्म हिंसक कार्य  पध्दति के अनुरूप हमारे प्रधान मंत्री ने कश्मीर में  उडी की आतंकवादी  घटना के बाद कठोर एवम  निर्णायक  कदम उठाते हुए पूरी घटना की कड़े शब्दो में  भर्सना की और,  घोषणा की, कि दोषियों को बक्शा नही जायेगा,  सोते हुए मृत्यु को प्राप्त हुए भारतीय सैनिको की लापरवाही को माफ  नही किया जायेगा और उनकी और  उनके  नीतियों का  अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मज़ाक बनवाने के लिये मृत्युपरान्त  कोर्ट मार्शल किया जाएगा  और जिम्मेदार अधिकारियो को भी कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ेगा। उन्हों ने अपने मंत्री मंडल के सदस्यो के द्वारा की जा रही बयानबाजी के लिए पाकिस्तान से  माफी मांगी व बलूचिस्तान पर दिए गए अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि" हमें नही मालूम था की  आप मेरे दिए गए फालतू बयान को इतनी गम्भीरता से लेंगे , उत्तर प्रदेश और गुजरात का चुनाव निकट है ऐसे माहौल में मेरे छिछोरे और खोखले बयान वोटो के लिए बहुत कारगर होते है    हाफिज शहीद जी और अजहर महमूद जी वहाँ सुरक्षित होंगे, यहाँ एनडी टीवी का पूरा स्टाफ और कांग्रेस में सक्रिय  आप के  स्लीपिंग सेल्स  हमारे संरक्षण में पूर्ण रूप से सुरक्षित है, और आप के लिए  अच्छा कार्य कर रहे है. और आप लोग परमाणु हमले की धमकी न दिया करे हम गुजराती तेलियों का दिल बहुत कमजोर होता है , आप लोगो की इस नाराजगी की वजह से लोग मेरे ५६ इंच के सीने की असलियत जान गये है और मेरे लिए ५६ इंच की चोलियां भेज रहे है। अपना ख्याल रखिए गा, आप से पुनः प्रार्थना  करता हूँ की मेरी अंतर्राष्ट्रीय छवि न बिगाड़े क्योकि इस वर्ष नोबल शांति पुस्कार के लिए मैं अपना नाम प्रस्तावित करवाना चाह रहा हूँ। शेष सफाई सार्क सम्मेलन के दौरान वही आकर दूँगा। आगे ओबामा जी से पूछ लीजियेगा "। उनके इस बयान से हमारे प्रधानमंत्री की अंतरराष्ट्रीय छवि और सुंदर हो गई है और वह चार अफ्रीकी राष्ट्रों की यात्रा पर जा रहे है ।

Wednesday 7 September 2016

TURKEY then CHINA then PHILIPPINES then.................?

Insult of American President means....... .............................?


Democrats always earn insults for America.........WHY........?



Republicans always earn Hatred for America.......WHY.......?


Torn between multinational corporations and national dignity.

It's becoming difficult for American administrative system to maintain
 the Great American MIGHT .Whole American system is busy in generating markets 
or political platform for it's multinationals through it's military,financial capacities or by creating social unrest in countries,whom they think, can be a promising market for their multinationals.